दुनिया का सबसे बड़ा और सर्वाधिक लिक्विड वित्तीय बाज़ार, फॉरेक्स बाज़ार के नाम से भी जाना जाता है। $6 ट्रिलियन से अधिक दैनिक ट्रेडिंग वॉल्यूम से फॉरेक्स, प्रोफेशनल और रिटेल, दोनों ट्रेडरों को महत्वपूर्ण मौके देता है। बहरहाल, ट्रेडिंग में बाज़ार का काम करना और शब्दावली समझना, नौसिखियों के लिए कठिन हो सकता है। फ़ॉरेक्स मार्केट की बुनियादी बातें, जिनमें ज़रूरी अवधारणाएँ, बाज़ार के खिलाड़ी और मुख्य शब्दावली हम इस गाइड में समझेंगे, ताकि अपनी ट्रेडिंग यात्रा शुरू करने का आपको ठोस आधार मिले।
फ़ॉरेक्स मार्केट क्या है?
फ़ॉरेक्स मार्केट विकेंद्रीकृत ग्लोबल बाज़ार है जहाँ करेंसियां खरीदी और बेची जाती हैं। केंद्रीकृत एक्सचेंजों पर काम करने वाले शेयर बाजारों के उलट, आमतौर पर ब्रोकर या वित्तीय संस्थानों के माध्यम से फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग सीधे पार्टियों (ओवर-द-काउंटर या OTC) के बीच होती है। फॉरेक्स ट्रेडिंग में एक करेंसी का दूसरी करेंसी से एक्सचेंज, जैसे EUR/USD (यूरो/अमेरिकी डॉलर) या GBP/JPY (ब्रिटिश पाउंड/जापानी येन) का ट्रांजेक्शन युग्मों में होता है।
अपनी ग्लोबल प्रकृति के कारण फ़ॉरेक्स बाज़ार की अनूठी विशेषता है कि यह सप्ताह में पाँच दिन, दिन में 24 घंटे ऑपरेट होता है। एशिया-प्रशांत क्षेत्र से शुरू होकर, यूरोप से गुजरते हुए अंत में यह उत्तरी अमेरिका में पहुँचता है। ट्रेडरों का टाईम जोन कुछ भी हो यह उन्हें पर्याप्त अवसर देता है।
फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग कैसे काम करती है?
करेंसियों को युग्मों में खरीदना और बेचना फॉरक्स ट्रेडिंग है। इसमें शामिल देशों को प्रभावित करने वाले आर्थिक और भू-राजनीतिक कारकों के आधार पर करेंसी युग्म के मूल्य में उतार-चढ़ाव होता है। उदाहरण के लिए, आप EUR/USD युग्म खरीदेंगे यदि आपको लगे कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले यूरो बढ़ेगा। इसके उलट, आप इसे बेचेंगे यदि आपको लगे कि यूरो में गिरावट होगी।
एक करेंसी के बदले दूसरी खरीदने या बेचने पर आप आप फॉरेक्स ट्रेड करते हैं। करेंसी युग्म की दो कीमतें होती हैं: बिड मूल्य और आस्क मूल्य। किसी करेंसी के लिए बाजार जिस राशि का भुगतान करने को तैयार हो वह बिड मूल्य और जिस पर बाज़ार करेंसी बेचेगा वह आस्क मूल्य राशि है।
उदाहरण के लिए, EUR/USD युग्म को 1.15000/1.15005 के रूप में उद्धृत करने का मतलब है प्रत्येक एक यूरो के लिए, आप 1.15005 USD (आस्क मूल्य) खरीद सकते हैं या 1.15000 USD (बिड मूल्य) पर बेच सकते हैं।
करेंसी युग्म: प्रकार और उदाहरण
करेंसी युग्म तीन मुख्य श्रेणियों में विभाजित हैं:
- मेजर युग्म: EUR/USD, GBP/USD, और USD/JPY जैसी व्यापक रूप से ट्रेड की जाने वाली करेंसियां इन युग्मों में शामिल हैं। आमतौर पर इन युग्मों में उच्च लिक्विडिटी और तंग स्प्रेड होते हैं।
- माईनर युग्म: अमेरिकी डॉलर इन करेंसी युग्मों में नहीं हैं, लेकिन अन्य प्रमुख करेंसियां शामिल हैं। उदाहरण के रूप में EUR/GBP, EUR/JPY, और GBP/CHF इनमें शामिल हैं।
- विदेशी युग्म: एक मेजर करेंसी और उभरते बाजार की एक करेंसी इन युग्मों में होती है। उदाहरण के लिए, USD/SGD (अमेरिकी डॉलर/सिंगापुर डॉलर) और EUR/ZAR (यूरो/दक्षिण अफ्रीकी रैंड)। मेजर और माईनर युग्मों के मुकाबले विदेशी युग्म अधिक अस्थिर और कम लिक्विड होते हैं, अर्थात उनमें लाभ और जोखिम, दोनों की संभावना अधिक है।
मुख्य अवधारणाएँ और शब्दावली
ट्रेडिंग शुरू करने से पहले, फ़ॉरेक्स में इस्तेमाल होने वाली शब्दावली से खुद को परिचित करवाना जरूरी है। कुछ सबसे महत्वपूर्ण शब्द नीचे दिए गए हैं:
- पिप: फ़ॉरेक्स में पिप (बिंदु में प्रतिशत) सबसे छोटा मूल्य उतार-चढ़ाव, आमतौर पर अधिकांश करेंसी युग्म में चौथा दशमलव स्थान (जापानी येन युग्म छोड़कर, जो दो दशमलव में होते हैं) दर्शाता है। उदाहरण के लिए, EUR/USD 1.1150 से 1.1151 तक चलने पर, यह एक पिप बढ़ा है।
- दशमलव स्थान: आधुनिक फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग में सबसे छोटी कीमत की चाल और भी सटीक बनाने के लिए, अधिकांश युग्म पाँच दशमलव स्थानों से उद्धृत होते हैं। उदाहरण के लिए, EUR/USD को 1.11501 से उद्धृत करने पर 1.11501 से 1.11502 तक की चाल “पिपेट” या आंशिक पिप है।
- लीवरेज: ट्रेडरों को लीवरेज कम पूंजी से बड़ी पोजीशन कंट्रोल करने देता है। उदाहरण के लिए, आपका ब्रोकर यदि 50:1 लीवरेज दे, तो आप केवल $1,000 से $50,000 की मूल्य करेंसी कंट्रोल कर सकते हैं। बहरहाल, लीवरेज संभावित लाभ बढ़ाता है, यह नुकसान के जोखिम भी बढ़ाता है।
- स्प्रेड: बिड और आस्क मूल्य के अंतर को स्प्रेड कहते हैं। यह ब्रोकर की फीस दर्शाता है और बाजार की स्थितियों, लिक्विडिटी और ट्रेड की जा रही करेंसी युग्म के आधार पर इसमें भिन्नता हो सकती है।
- लॉट साइज़: फ़ॉरेक्स में, स्टैंडर्ड लॉट करेंसी की 100,000 यूनिट का प्रतिनिधित्व करता है। मिनी लॉट (10,000 यूनिट) और माइक्रो लॉट (1,000 यूनिट) जैसे छोटे लॉट आकार भी रिटेल ट्रेडरों के लिए उपलब्ध हैं।
- मार्जिन: मार्जिन का तात्पर्य लीवरेज्ड पोजीशन ओपन करने के लिए आवश्यक राशि से है। यह अनिवार्य डिपॉजिट है जो आपके ट्रेडिंग के लिए कोलेटरल का कार्य करती है। बाजार आपके विरुद्ध चलने पर, मार्जिन कॉल से बचने के लिए आपको अधिक मार्जिन डालना पड़ सकता है।
करेंसी की कीमतें प्रभावित करने वाले कारक
करेंसी का मूल्य अनेक कारकों से प्रभावित होता है। फ़ॉरेक्स ट्रेडरों के लिए इन कारकों को समझना महत्वपूर्ण है क्योंकि मूल्य उतार-चढ़ावों को ये प्रभावित कर सकते हैं। कुछ प्रमुख कारकों में ये शामिल हैं:
- ब्याज दरें: केंद्रीय बैंक ब्याज दरें कंट्रोल करते हैं, जिनसे करेंसी मूल्य सीधे प्रभावित होते हैं। उच्च ब्याज दर विदेशी निवेश आकर्षित करते हैं, परिणामस्वरूप करेंसी की मांग बढ़ती है और इसके मूल्य मे वृद्धि होती है।
- आर्थिक डेटा: जीडीपी, मुद्रास्फीति, बेरोजगारी दर और ट्रेड बैलेंस जैसे आर्थिक कारकों से करेंसी मूल्य प्रभावित होते हैं। मजबूत आर्थिक डेटा से करेंसी सुदृढ़ होती है, जबकि कमजोर डेटा मूल्यह्रास का कारण बन सकता है।
- भू-राजनीतिक घटनाएँ: करेंसी की कीमतों में उतार-चढ़ाव का कारण राजनीतिक अस्थिरता, चुनाव, प्राकृतिक आपदाएँ और अन्य भू-राजनीतिक कारक भी बनते हैं। उदाहरण के लिए, ब्रेक्सिट जैसी घटनाओं का ब्रिटिश पाउंड के मूल्य पर गहन प्रभाव पड़ा।
- बाजार की भावना: ट्रेडरों की भविष्य की बाजार स्थितियों संबंधी धारणा से भी करेंसी की कीमतें प्रभावित होती हैं। देश के आर्थिक भविष्य के बारे में ट्रेडरों के आशावादी होने पर, वे उसकी करेंसी खरीदेंगे, जिससे उसका मूल्य बढ़ेगा।
- ग्लोबल घटनाएँ: प्राकृतिक आपदाएँ, युद्ध और महामारी जैसी घटनाएँ अनिश्चितता पैदा कर बाजार में महत्वपूर्ण उतार-चढ़ाव ला सकती हैं। उदाहरण के लिए, COVID-19 महामारी से निवेशकों ने ग्लोबल आर्थिक शटडाऊन पर प्रतिक्रिया व्यक्त की जिससे करेंसी बाजारों में अत्यधिक अस्थिरता आई।
फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग कैसे शुरू करें
फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग में शुरुआत रोमांचक और जबरदस्त, दोनों हो सकती हैं, लेकिन सही दृष्टिकोण और आत्मविश्वास से आप अपनी यात्रा शुरू कर सकते हैं। नौसिखियों के लिए चरण-दर-चरण मार्गदर्शिका यहां प्रस्तुत है:
- विश्वसनीय ब्रोकर चुनें: सुदृढ़ प्लेटफ़ॉर्म, कम स्प्रेड और बेहतरीन कस्टमर सपोर्ट देने वाला XLibre जैसा भरोसेमंद ब्रोकर खोजें। ब्रोकर विनियमित हो और इंडस्ट्री में उसकी अच्छी प्रतिष्ठा का होना सुनिश्चित करे।
- ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करें: ब्रोकर चुनने पर, आपको ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करना होगा। वास्तविक फंड जोखिम में डालने से पहले आभासी धन से ट्रेडिंग के अभ्यास के लिए डेमो अकाउंट से शुरु करने की सिफारिश की जाती है।
- बुनियादी बातें सीखें: चार्ट पैटर्न, तकनीकी विश्लेषण और जोखिम मैनेजमेंट जैसी प्रमुख अवधारणाएं समझने का समय निकालें। शैक्षिक संसाधनों में निवेश कर अनुभवी ट्रेडरों से सीखें।
- ट्रेडिंग प्लान विकसित करें: सफलता के लिए ठोस ट्रेडिंग प्लान जरूरी है। अपने लक्ष्य, जोखिम सहनशीलता और स्ट्रेटजियां निर्धारित करें। अनुशासित रहने और अपने दीर्घकालिक उद्देश्यों पर ध्यान केंद्रित करने में ट्रेडिंग प्लान आपकी मदद करता है।
- छोटी शुरुआत करें: अनुभव पाने के साथ-साथ जोखिम कम करने के लिए छोटी मात्रा में पैसे से ट्रेडिंग शुरू करें। ज्यों-ज्यों आप अधिक सहज हों, धीरे-धीरे अपनी पोजीशन का आकार बढ़ाएँ।
- बाजारों पर नज़र रखें: अपने ट्रेड प्रभावित करने वाले आर्थिक समाचारों, भू-राजनीतिक घटनाओं और बाज़ार ट्रैंड से अपडेट रहें। सूचित निर्णय करने के लिए फंडामेंटल और टेक्नीकल विश्लेषण का सम्म्श्रिण इस्तेमाल करें।
निष्कर्ष
जोखिमों से भरपूर, फॉरेक्स बाजार विशाल संभावनाओं और अवसरों की दुनिया है। बुनियादी बातें, करेंसी की कीमतें प्रभावित करने वाले कारक और पिप्स, स्प्रेड और लीवरेज जैसी जरूरी अवधारणाएं समझने पर आप सफल होने के लिए तैयार होंगे। आप चाहे नौसिखिया हों या अपना कौशल बढ़ाना चाहते हों, ठीक तैयारी और मानसिकता से फॉरेक्स ट्रेडिंग रिवार्ड देने वाला हो सकता है। फॉरेक्स ट्रेडिंग में उत्कृष्टता के लिए सुदृढ़ ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म से लेकर विशेषज्ञ मार्गदर्शन तक XLibre में, सभी आवश्यक टूल और सपोर्ट हम आपको देते हैं।